हत्या से लेकर शव ठिकाने लगाने तक: दोपहर 12 बजे विवाद, शाम 5 बजे कत्ल; सिलसिलेवार ढंग से समझें हिमानी हत्याकांड माई सिटी रिपोर्टर, रोहतक
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हिमानी नरवाल की हत्या ब्लाइंड मर्डर केस थी। शुरुआत में परिवार वालों की ओर से कोई संदेह नहीं जताया गया, लेकिन पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की। पुलिस ने हिमानी के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लिया, और उसकी लोकेशन सचिन के मोबाइल के साथ मिली। यह जानकारी हत्या के मामले की दिशा बदलने वाली साबित हुई।
कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल और सचिन के बीच गहरी दोस्ती थी, और सचिन का दिन-रात हिमानी के घर आना-जाना था। जब उसे अपने घर नहीं जाना होता था, तो वह हिमानी के घर पर ही ठहरा करता था। हालांकि, इस दोस्ती के बारे में हिमानी के परिजनों को भी जानकारी थी।
यह सिलसिला और घटनाक्रम हत्या के बाद सामने आया, और इसके आधार पर पुलिस ने जांच में तेजी दिखाई। हिमानी की हत्या का सिलसिलादोपहर 12 बजे हुए विवाद से शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक एक हत्या में बदल गया। पुलिस अब सचिन को संदिग्ध मानते हुए मामले की जांच कर रही है।
पूरे मामले में जांच का प्रमुख बिंदु यह है कि परिवार और पुलिस दोनों को कैसे शुरुआत में हत्या का संदिग्ध पहलू नजर नहीं आया, और कैसे मोबाइल लोकेशन ने मामले की परतें खोलीं।
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