अदानी प्रॉपर्टीज की ₹5,069 करोड़ की धरावी पुनर्विकास बोली को पर्यावरणविदों व कानूनी विशेषज्ञों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मुंबई एयरपोर्ट के पास नमक की खारे भूमि सहित संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा बताया है। साथ ही, अमेरिका की SEC ने गौतम अदानी समूह पर पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन संबंधी आरोपों की जांच शुरू की है—हालाँकि समूह इनकी निंदा करता है। इन विवादों के कारण स्थानीय समुदाय ने सुव्यवस्थित सार्वजनिक चर्चा की मांग की है। अदानी पक्ष ने कहा है कि सभी सरकारी मानकों का पालन हुआ है और परियोजना में हरा क्षेत्र छोड़ा गया है, लेकिन पर्यावरणविद अब तक पारिस्थित प्रभाव अध्ययन की मांग कर रहे हैं। धरावी के भविष्य को लेकर यह जंग व्यावसायिक और पारिस्थितिक हितों के बीच जारी है।
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